नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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